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‘स्कूली बच्चे सीख रहे इमरजेंसी हूटर बजने पर कैसे करें…’, साउथ वेस्ट दिल्ली के 45 स्कूल प्रबंधन का बड़ा फैसला

Delhi Schools Bomb Threat: दिल्ली में आये दिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद साउथ वेस्ट दिल्ली के 45 स्कूलों प्रबंधकों ने सुरक्षा को लेकर बड़ी मुहिम की शुरुआत की है.

Delhi Schools Bomb Threat News: बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों का नया SOP

Delhi Schools Bomb Threat:-दिल्ली के स्कूलों को बम धमकी मिलने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। मई 2024 में 150 स्कूलों को बम धमकी मिली थी, और हाल ही में 40 स्कूलों को धमकाया गया। इन घटनाओं ने स्कूल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन के लिए बच्चों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बना दी है। इस स्थिति से निपटने के लिए साउथ वेस्ट दिल्ली के 45 स्कूलों और नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस (NPSC) से जुड़े स्कूलों ने नए एसओपी (SOP) तैयार किए हैं और उन्हें लागू करना शुरू कर दिया है।


Delhi Schools Bomb Threat स्कूलों का नया SOP और उसकी विशेषताएं

1. निकासी गेट और रास्तों की संख्या बढ़ाना:

  • स्कूलों में मुख्य गेट के साथ निकासी गेट की संख्या में वृद्धि की गई है।
  • वैकल्पिक गेट का निर्माण किया गया है, ताकि आपात स्थिति में बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

2. इवैकुएशन प्लान और ट्रेनिंग:

  • बच्चों को इमरजेंसी हूटर बजने पर घबराने की बजाय योजना के अनुसार बाहर निकलने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
  • क्लासरूम में निकासी के लिए गेट की संख्या बढ़ाई गई है।
  • प्रत्येक सेक्शन को यह सिखाया गया है कि उन्हें कौन सी सीढ़ियों से बाहर निकलना है

3. मॉक ड्रिल्स का आयोजन:

  • स्कूलों में नियमित मॉक ड्रिल्स आयोजित की जा रही हैं।
  • उदाहरण के तौर पर, द्वारका के ITL स्कूल में 3,000 बच्चों की मॉक ड्रिल मात्र 3 मिनट 40 सेकंड में पूरी हुई।
  • नर्सरी से लेकर सीनियर छात्रों तक, सभी बच्चों ने बिना भगदड़ के मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया।

4. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी की ट्रेनिंग:

  • नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी की सहायता से बच्चों और शिक्षकों को आपात स्थिति में सही कदम उठाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
  • सीनियर छात्रों को छोटे बच्चों की मदद करने का अभ्यास कराया जा रहा है।

    Delhi Schools Bomb Threat
    Delhi Schools Bomb Threat

सुरक्षा सुनिश्चित करने के अन्य कदम

  • स्कूल बिल्डिंग में सायरन/हूटर सिस्टम को बेहतर किया गया है।
  • बच्चों को सिखाया जा रहा है कि आपात स्थिति में शांति बनाए रखते हुए स्कूल बिल्डिंग खाली करें।
  • निकासी गेट की संख्या बढ़ाकर कम से कम 5 गेट तैयार किए गए हैं।

स्कूल प्रबंधन की भूमिका

  • ITL स्कूल की प्रिंसिपल और CBSE सहोदय एसोसिएशन की चेयरपर्सन सुधा आचार्य ने इस पहल को लागू किया है।
  • उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा स्कूलों की पहली प्राथमिकता है।
  • NPSC के अंतर्गत आने वाले स्कूल बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास कर रहे हैं।

निष्कर्ष

बढ़ती धमकियों के बीच, दिल्ली के स्कूलों द्वारा अपनाए गए ये सुरक्षा उपाय एक सराहनीय पहल हैं। नए SOP के तहत न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है, बल्कि उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में सही कदम उठाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। यह कदम बच्चों और अभिभावकों दोनों को सुरक्षा का विश्वास दिलाने में मददगार साबित होगा।

तौसीफ खान
BH24News.com द्वारा प्रस्तुत

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Tausif Khan

तौसीफ खान, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़े हुए हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे।

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