यूपीपीएससी की परीक्षाओं के आयोजन के विरोध में छात्रों का आंदोलन जारी
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस ‘प्री’ और आरओ..एआरओ परीक्षाओं को दो दिनों में संपन्न कराने के निर्णय के खिलाफ छात्रों का आंदोलन तेज हो गया है। सोमवार को शुरू हुआ यह प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा, जहां छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे बिताई और मंगलवार की सुबह फिर से आयोग के गेट पर एकत्रित होकर प्रदर्शन में जुट गए।
आंदोलन की स्थिति और अभाविप का समर्थन
छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी उनका समर्थन किया है। अभाविप ने मांग की है कि आयोग परीक्षा केंद्र निर्धारण, नॉर्मलाइजेशन, और पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर विचार करते हुए अभ्यर्थियों से बातचीत कर उचित कदम उठाए। अभाविप का कहना है कि परीक्षा में निष्पक्षता और शुचिता बनाए रखना आवश्यक है ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो।
आयोग का बयान और गड़बड़ियों की संभावना पर स्पष्टीकरण
आयोग ने सोमवार रात को एक बयान जारी करते हुए कहा कि परीक्षाएं सिर्फ उन केंद्रों पर कराई जाएंगी जहां गड़बड़ियों की संभावना नहीं है। आयोग ने स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्रों में सुधार और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इन कदमों को उठाया गया है। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि कुछ टेलीग्राम चैनल और यूट्यूबर्स परीक्षा को टलवाने की साजिश कर रहे हैं, जिसका भी संज्ञान लिया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों की एकजुटता और पुलिस की रोकथाम
प्रदर्शनकारी छात्र देर रात मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने आयोग के गेट के पास सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की, लेकिन छात्रों की भीड़ बैरिकेड को पार करते हुए धरने पर बैठ गई। पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारियों ने अपने हक के लिए प्रदर्शन जारी रखा।
छात्रों की मांग और अभाविप का बयान जल्द से जल्द निराकरण हो- ABVP
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश मीडिया संयोजक अभिनव मिश्र ने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से अभ्यर्थियों की चिंताओं का जल्द निराकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अभाविप छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करता है और उम्मीद करता है कि आयोग छात्रों की समस्याओं का हल करेगा ताकि वे बिना किसी चिंता के परीक्षा की तैयारी कर सकें।
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला ने भी आयोग से अपील की कि केंद्र निर्धारण और मानकीकरण को लेकर छात्रों की चिंताओं का समाधान किया जाए। काशी प्रांत के मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा कि आयोग को नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया पर स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निर्धारित जिलों की संख्या में वृद्धि करने पर भी विचार करना चाहिए।
निष्कर्ष
छात्रों के इस आंदोलन में यूपीपीएससी द्वारा परीक्षा के आयोजन में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की जा रही है। अभाविप ने इस मुद्दे पर छात्रों का साथ दिया है और आयोग से शीघ्र उचित कदम उठाने की मांग की है। छात्रों का यह आंदोलन न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आयोग की प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार है।