Anil Vij Haryana News: हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने का सपना अनिल विज का धारा का धरा रह गया अब वह पुराना वाला रुतबा भी नहीं रहा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उन्हें जो मिला है उसे ही मुकद्दर समझने में अब उनकी भलाई है।
हरियाणा में गृह मंत्रालय के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय तथा कई अन्य मंत्रालय को एक साथ संभालने वाले अनिल बीच को लगता था कि इससे बाहर उन्हें मुख्यमंत्री की गाड़ी भी मिल सकती है कुर्सी के लिए रूठे भी दबाव भी बनाया पर कोई भी व्यक्ति काम नहीं आई मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मंत्रिमंडल में अब उनका वह रुतबा भी नहीं रहा जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समय में हुआ करता था क्योंकि मनोहर लाल खट्टर के मंत्रिमंडल में वे गृह मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनका रुतबा होता था कभी मुख्यमंत्री खट्टर को देंगे पर रखने वाले अनिल विज ने उनसे केवल इसलिए रण ठान ली थी कि प्रदेश की खुफिया एजेंसी मुख्यमंत्री खट्टर के साथ उनका भी क्यों नहीं रिपोर्ट करती झगड़ा इतना बड़ा की केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा।
नया सिंह सैनी को इस साल मार्च में जब हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया तब भी अनिल बीच नाखुश हो गए अनिल विज भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक से नाराज होकर बाहर चले गए थे और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था 7 महीने बाद 17 अक्टूबर को पार्टी के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौट के साथ अनिल विज ने नए सनी मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ लिए पर अब ना उनका वह रुतबा है और ना अब उनकी वह टास्क ही बची है चुपचाप खुशी-खुशी जो मिला उसे मुकद्दर समझ लिया।
सैनी ने सारे महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास रखें।
शपथ ग्रहण के बाद इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि अनिल बीच को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है लेकिन मंत्रालय के बंटवारे के बाद अगली बीच को बड़ा झटका लगा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने पास गिरी और वित्त के अलावा आबकारी एवं कराधान योजना नगर एवं ग्राम नियोजन और सारी संपादन सूचन जनसंपर्क भाषा संस्कृति न्याय प्रशासन सामान्य प्रशासन सभी के लिए आवास आपराधिक जांच कार्मिक एवं प्रशिक्षण तथा कानून एवं विधाय किए विभाग रखा है।
अनिल कभी भी सैनी के लिए खतरा बन जाते।
भारतीय जनता पार्टी में जो लोग किनारे लगाए जाते हैं उन्हें बिल्कुल ही पार्टी में अवॉयड कर दिया जाते हैं देश में कई दर्जन नेता इस समय राजनीतिक वनवास पर जा चुके हैं अगर अनिल बी को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई तो यह भी काम नहीं है अनिल विज को पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनि का शुक्रगुजार होना चाहिए अन्यथा अगर उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती तो भी वह क्या कर लेते फिलहाल अनिल जब मनोहर लाल खट्टर को हमेशा दबाव में रखते थे तो नायब सिंह सैनिक को वह कितना सामान देते अक्टूबर 2023 में अनिल बी ने 272 जांच अधिकारियों को निलंबित करने के लिए पुलिस शीर्ष अधिकारियों को निर्देश देखकर सुर्खियों में थे क्योंकि इन अधिकारियों ने एक साल से अधिक समय से लंबी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की थी इसके बाद 100 से अधिक अधिकारी निलंबित किए गए 1 महीने बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा हर्षित के विरोध में फाइलों को मंजरी देना और स्वास्थ्य विभाग की बैठकों की अध्यक्षता करना बंद कर दिया।
अनिल क्यों पार्टी के लिए अपरिहार्य हो गए।
अनिल बीच की मंत्रिमंडल में वापसी उनकी बेहतरीन राजनीतिक शैली को दर्शाती है कि क्यों हुआ हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के लिए अप्रियाएं है भले ही वह अपने बयानों कार्यशैली और सैनी और उनके पूर्ववर्ती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ उनके रिश्ते को लेकर कई बार पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं दरअसल बीच की पार्टी में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका का मुख्य कारण उनका अंबाला छावनी सीट पर मौजूद पकड़ है जहां से उन्होंने अब तक 7 बार चुनाव जीत दर्ज की है और 2009 से लगातार चार बार जीत रहे हैं इंडिया एक्सप्रेस लिखता है कि मतदाताओं में उनकी छवि सबसे सुलभ नेता जो उनके मुद्दों का समाधान करने वाले के रूप में है चाहे वह पुलिस राजा हो या सारी स्थानीय निकाय का विभाग का मामला हो बी अंबाला में अपने घर पर नियमित जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का मौके पर निपटारा करते हैं।
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