UP By Election 2024: सपा और कांग्रेस की दोस्ती यूपी उपचुनाव में दो और पांच सीट की लड़ाई में फस्ती दिख रही है गठबंधन में दो सिम मिलने से कांग्रेस नाराज बताई जा रही है कांग्रेस यूपी चुनाव से है हट भी सकती है।
यूपी की 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने वाले हैं इन उपचुनाव से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के रिश्ते तल्ख होते दिख रहे हैं समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद सीट छोड़ी है कांग्रेस पांच सीटों की डिमांड कर रही थी पार्टी को यह उम्मीद थी की पांच की डिमांड करेंगे तो कम से कम तीन सीटे तो मिल ही जानी चाहिए लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
बारगेनिंग टेबल पर पार्टी अपनी उम्मीदवारों के अनुरूप सीटे हासिल कर पाने में फैल रही और समाजवादी पार्टी ने उसके लिए महज दो सीटे ही छोड़ी 2 और 5 सीटों की लड़ाई में सपा और कांग्रेस की दोस्ती फस गई है कांग्रेस चुनाव में महज दो सीट छोड़ने के सपा के फैसले से खफा बताई जा रही है अब चर्चा इस बात की है कि कांग्रेस यूपी से है भी सकती है किसी भी सीट पर उम्मीदवार उतारने से मना कर सकती है।
खबरों को माने तो कांग्रेस खुद उम्मीदवार न उतर मऊ की घोसी सीट के लिए हुए उपचुनाव की तर्ज पर सपा का समर्थन कर सकती है हालांकि कांग्रेस की ओर से इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कांग्रेस की नाराजगी के कई कारण बताए जा रहे हैं यूपी में कांग्रेस का संगठनित ढांचा वैसे ही बहुत मजबूत नहीं है दूसरे जो सिटी पार्टी को मिली है उन पर ट्रैक रिकार्ड भी बहुत उत्साह जनक नहीं रहा है गाजियाबाद सारी सीट है और इसे भाजपा का गढ़ माना जाता है।
अलीगढ़ की खैर सीट पर भी पिछले चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार 1500 वोट का आंकड़ा भी नहीं छू शाका था खैर सिट जिन चारों के लिए कांग्रेस मांग रही थी उन्हें 60000 से ज्यादा वोट जरूर मिले थे लेकिन तब वह भाजपा उम्मीदवार थी कांग्रेस नेताओं को लगता है कि जब वह बीजेपी से उसके दो मजबूत गढ़ में लोहा ले रहे हैं उनको ऐसी सीट भी मिलनी चाहिए जहां जीत की संभावना भी हो।
कांग्रेस इसलिए मिर्जापुर की मझवा और प्रयागराज की फूलपुर या इनमें से किसी एक सीट के लिए दावेदारी कर रही थी मझवा सीट से अजय यादव के बेटे को मैदान में उतरने की तैयारी थी लेकिन इस सीटों पर सपा ने अपनी उम्मीदवार उतार दिए हैं सपा एक के बाद एक अपने प्रत्याशियों का या ऐलान भी करती जा रही है।
यूपी विधानसभा की 10 सीटें रिक्त है जिनमें से एक सीट मिल्कीपुर को छोड़कर बाकी 9 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों रहे बाबा गोरखनाथ ने तब के विजई उम्मीदवार अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती दी थी यह याचिका पेंडिंग थी जिसकी वजह से चुनाव आयोग नहीं मिल्कीपुर के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया है।
बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका में कहा कि नामांकन के समय अवधेश प्रसाद ने जिसे नोटरी का इस्तेमाल किया हुआ ऐसे विक्रेता से लिया गया था जिसका लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था यूपी की जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें अखिलेश यादव की स्थिति से शिफ्ट हुई करहल सीट के साथ ही सिसमऊ ,कथरी करहल और कुंदरकी की सीट के लिए भी उप चुनाव हो रहे हैं।