NEWSElection
Trending

Maharashtra Assembly Election 2024 Opinion: हरियाणा नहीं है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: एंटी मराठा सेंटीमेंट उभारने का प्रयोग भारतीय जनता पार्टी के लिए हो सकता है आत्मघाती।

Maharashtra Assembly Election 2024 Opinion: एंटी मराठा सेंटीमेंट उभरने के प्रयोग भारतीय जनता पार्टी के लिए हो सकता है आत्मघाती।

Maharashtra Assembly Election 2024 Opinion: मराठा की नाराजगी के चलते महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के वोटो में जो कमी हुई है उसे पूरा करने के लिए पार्टी मराठा बनाम ओबीसी ध्रुवीकरण को हवा दे रही है भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि हरियाणा में एंटी जाट द्विकरण की तर्ज पर अंतिम मराठा सेंटीमेंट उभरकर ओबीसी और दलितों के बीच पार्टी की पैठ बढ़ाई जा सकती है।

क्रीमी लेयर की आय सीमा डबल के करीब बढ़ाई गई।

गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में ओबीसी वोटर को लुभाने के लिए दो प्रस्ताव पास किए गए हालांकि इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले केंद्र की मंजूरी भी जरूरी होगा पर चुकी केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है इसलिए ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि इस प्रस्ताव को कोई रोकने वाला नहीं है।

महाराष्ट्र में ओबीसी राजनीति की ताकत।

मिली खबरों के अनुसार महाराष्ट्र में 351 ओबीसी समुदाय है जो राज्य की जनसंख्या का 52% हिस्सा है इनमें से 291 सामुदायिक केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल है साथ नहीं जातियों और उनकी उपजातियां को शामिल करने की मां 1996 से लंबीत थी राज्य सरकारों ने पहले भी एनसीबीसी का राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने का प्रयास विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले आया है जाहिर है कि विदर्भ उत्तर महाराष्ट्र मराठवाडा और पश्चिम महाराष्ट्र जैसे इलाकों में विधानसभा चुनाव में यह बहुत काम आएगा।

ओबीसी पर ध्यान देकर भारतीय जनता पार्टी मराठा बनाम पिछड़ों का संघर्ष करना चाहती है।

मुसलमान और मराठाओं और दलितों के भारतीय जनता पार्टी से दूर होने के बाद पार्टी ने अपनी पारंपरिक ओबीसी वोट बैंक पर फिर से ध्यान केंद्रित करने का रणनीतिक निर्णय लिया है हरियाणा में भी ऐसा हुआ था मुसलमानो के साथ जाटों और दलितों का वोट नहीं मिलने के वाला था इसलिए हरियाणा में एंटी जाट सेंटीमेंट पर पार्टी ने चुपचाप काम किया कांग्रेस जाट पर फोकस हो गई और भारतीय जनता पार्टी एंटी जाट पर ध्यान केंद्रित कर लिया भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में पहले भी माधव , माली ,धनगर , और बंजारी ओबीसी फार्मूला विकसित किया, जिसने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को कई चुनाव में फायदा पहुंचाया जिस तरह हरियाणा में जाटों का समर्थन न मिलने के चलते भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा था उसी तरह मराठा आरक्षण पर मनोज पाटिल के नेतृत्व वाले आंदोलन ने इस समुदाय में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ असंतुष पैदा कर दिया है जिस हाल के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सीटों का नुकसान हुआ था।

उल्टा पड़ सकता है भारतीय जनता पार्टी का प्रयोग।

हालांकि हर फार्मूला हर जगह कम करें कोई जरूरी नहीं है महाराष्ट्र और हरियाणा की सामाजिक बनावट में जमीनी फर्क है हरियाणा में जाट केवल एक जाती है इसका उपजातियां इसकी छाप है पर मराठा कई जातियों के समूह को कहा जाता है मराठा आरक्षण में भी यही दिक्कत आती है जैसे बहुत सी जातियां ओबीसी है और एबीसी है और साथ ही खुद के मराठा होने का दावा करती है कुनबी समुदाय का विवाद कुछ ऐसा ही है दूसरे जाटों का पिछड़ी जातियों के साथ सहमति व्यवहार कुछ ज्यादा ही हो रहा है इसके विपरीत महाराष्ट्र में मराठा जातियों में कुछ ऐसा ही है जिनका व्यवहार सामंती हो दूसरे महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी के नाम पर सभी जातियां एक हो जाती है मराठा प्रणाम पिछड़े करने की कोशिश कहीं शिवाजी के खिलाफ चली गई तो भारतीय जनता पार्टी को लेने के देने पड़ जाएंगे।

इसे भी पढ़ें: Haryana Election Results: हरियाणा सरकार में होंगे दो डिप्टी मुख्यमंत्री: रेस में ये नाम: एक तीर से कई समीकरण साधेगी बीजेपी।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Neyaz Ahmad

Neyaz Ahmad, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़े हुए हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे। Thank You...

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *