Haryana Election Result Fact Check: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम हम लोगों के सामने आने के बाद कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर निशाना बना रही है रिजल्ट वाले दिन ही पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए एवं मशीन पर कई सवाल उठाए हैं कांग्रेस के दावों के बीच अब पोस्ट वायलेट ने भी एंट्री मार ली है बीते गुरुवार को कांग्रेस के दिग्गज नेता दी दिग्विजय सिंह ने दावा किया है की पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर बहुमत प्राप्त हुआ था इन दावों के बीच सोशल मीडिया पर एक आंकड़ा खूब तेजी से वायरल भी होने लगा जिसमें दावा किया जा रहा था की पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर सीट मिली थी सोशल मीडिया के दावों को हम सच जानने की कोशिश किए हैं .
सोशल मीडिया के इन दावों का सच जानने के लिए जब हम चुनाव आयोग की वेबसाइट पर गए तो हमें चौंका देने वाले आंकड़े मिले वेबसाइट पर आंकड़ा सोशल मीडिया के दावों की पुष्टि नहीं करते हैं की पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर बहुमत सीट प्राप्त हो लेकिन फाइनल चुनाव परिणाम के अनुसार हरियाणा के 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 48 सीट और कांग्रेस को 37 और 3 सीट निर्दलीय उम्मीदवार को प्राप्त हैं .
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं यह आंकड़ा
सोशल मीडिया के आंकड़ों के मुताबिक पोस्टल बैलेट में वोट एक तरफ कांग्रेस को मिले हैं इसमें कांग्रेस को 74 सीट और भाजपा को 16 सीट पर जीत मिली थी इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे यह आंकड़ा का फैक्ट चेक किया गया न्यूज़ तक के फैक्ट चेक के अनुसार यह आंकड़ा सही पाया गया चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सभी विधानसभा सीटों के पोस्टल बैलेट के आंकड़ों की मौजूदा जानकारी है इनमें स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि 90 में से 73 सीटों पर कांग्रेस को भाजपा की तुलना में अधिक वोट मिले हैं एक सीट भिवानी पर कम को भाजपा से पोस्ट बैलेंस में अधिक वोट मिले हैं जानकारी के लिए बता दिया जाए कि कम हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का गठबंधन साथी है .
क्या होता है पोस्टल बैलेट
इसके नाम से ही आपको स्पष्ट होता है की पोस्ट बैलेट एक डाक मत पत्र होता है यह 1980 के दशक में चलाई जाने वाले पेपर्स वैलेट पेपर की तरह ही मान्य होता है चुनाव में इसका इस्तेमाल केवल उन लोगों के लिए किया जाता है जो अपनी नौकरी के कारण अपने चुनावी क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं जब यह लोग पोस्टल बैलेट के मदद से वोट देते हैं इन्हें सर्विस वोटर या एब्सेंट वोटर भी कहा जाता है इसके लिए चुनाव आयोग पहले ही चुनावी क्षेत्रों में डाक मतदान करने वाले संख्या को भी निर्धारित किया जाता है इसके केवल उन्हीं लोगों को पोस्टल बैलेट भेजा जाता है इसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्ट बैलेट सिस्टम भी कहा जाता है मतदाता द्वारा अपनी पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देकर इस पोस्टल बैलेट को डाक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वापस चुनाव आयोग में भेजा जाता है .
कौन इस्तेमाल कर सकते हैं पोस्टल बैलेट
इस नई व्यवस्था के अनुसार खाली पोस्टल बैलेट को सेवा सुरक्षा बलों को इलेक्ट्रिक तौर पर भेजा जाता है जिन इलाकों में इलेक्ट्रिक तरीके से पोस्टल बैलेट नहीं भेजा जा पाते हैं वहां पर डाक के द्वारा पोस्ट बैलेट भेजा जाता है राज्य के ऐसे मूल निवासी जो केंद्रीय विभागों में दूसरे राज्य में नौकरी कर रहे हैं वह पोस्टल बैलेट की मदद से अपनी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को वोट कर सकते हैं केंद्रीय सुरक्षा बलों आर्मी में पोस्टेड लोग वोट कर सकते हैं राज्य के सरकारी अधिकारी कर्मचारी वर्ग और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी मतदाता इसमें इस तरीके से वोट डाल सकते हैं
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