BJP Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर भी गिर रहा है आरएसएस की एक आंतरिक रिपोर्ट में संकेत दिया था कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनने से चूक रही है रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर के कामकाज से ना ग्रामीण मतदाताओं को विश्वास जीतने का फैसला किया साथ ही पार्टी विधायक को समेत पार्टी नेताओं और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए सक्रिय करने का फैसला किया।
भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में अपने गिरते वोट शेयर को लेकर चिंतित है इस ट्रेंड को बदलने की कोशिश में जुटी है भारतीय जनता पार्टी ने आरएसएस और जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं से ग्रामीण मतदाताओं को जोड़ने के लिए मदद मांगी है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर भी गिर रहा है।
साल 2014 के 45% से घटकर साल 2019 के चुनाव में 36% रह गया इसी तरह लोकसभा में भी पार्टी का वोट शेयर लगातार गिर रहा है 2019 के लोकसभा चुनाव में 58% से गिरकर हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में 46% हो गया है।
कैसी एंटी इनकंबेंसी से निपटेगा आरएसएस – बीजेपी।
आरएसएस के हवाले से खबर आई है कि संगठन ने सितंबर की शुरुआत में ग्रामीण मतदाता कार्यक्रम शुरू किया था जिसके तहत काम से कम 150 स्वयंसेवकों को हर जिले में भेजा गया है उन्हें कदर और ग्रामीण मतदाताओं के जोड़ने का काम सौंपा गया है।
आरएसएस आउट रीच कार्यक्रम की प्राथमिकता जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को सक्रिय करना था कार्यक्रम की दूसरी प्राथमिकता सरकार के खिलाफ चल रही लहर को सत्ता में बदलना है आरएसएस ऑफिस कार्यक्रम ने पार्टी के मतदाताओं और स्थानीय नेताओं को जोड़ने और सत्ता विरोधी मुद्दे को संबोधित करने की कोशिश।
आरएसएस ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है की सॉलिड वॉटर के समर्थन वाले कई दलों के दलबदलों को पार्टी टिकट दिया जाना चाहिए भाजपा नेता जो एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है दूसरा कदम दल बदलू और भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बनाना था।
आरएसएस के इस कैंपेन में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के टाइप के अलावा राज्य सरकार की ऐसी योजनाएं भी शामिल थीं जिनसे लोगों को फायदा हुआ है मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ग्रामीण मतदाताओं के बीच खुद को ज्यादा से ज्यादा शामिल होने के लिए कहा गया था जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र लाडवा समेत कई जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ा उन्हें सेनवर्ती अग्नि वीरों को रोजगार देने के राज्य सरकार के फसलों को बढ़ावा देने का काम सोपा गया था।
एंटी इनकंबेंसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने बनाई यह रणनीति।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच बड़ी कांग्रेस में असमंजस की स्थिति थी पार्टी को यह भी उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी को कुछ निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा विद्युत वोट मिलेगी एक अन्य रणनीति यह थी कि मनोहर लाल खट्टर को मोदी की रैलियां से दूर रखा जाए ताकि उन्हें के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर को रोका जा सके साथ ही जाटलैंड में खट्टर से परहेज किया गया क्योंकि उनकी उपस्थिति से नुकसान हो सकता है उन्हें सिर्फ सारी इलाकोंटा की सीमित रखा गया था।
इसके अलावा मनोहर लाल खट्टर के बदलना भी सत्ता विरोधी लहर को माना था उनकी तस्वीर भाजपा के कैंपेन से गायब थी और यहां तक कि उनके लोकसभा क्षेत्र असम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में भी उनकी तस्वीर नजर नहीं आई वहीं सोनीपत और कुरुक्षेत्र में पीएम मोदी की रैली से मनोहर लाल खट्टर की अनुपस्थिति ने यह भी साबित कर दिया की पार्टी उनसे जुड़ी नकारात्मकता के कारण उन्हें दूर रख रही है।