Importance of Work-Life Balance: हाल ही में पुणे में Ernst & Young (EY) की 26 साल की कर्मचारी की दुखद मौत ने सबको झकझोर दिया। उनकी मां ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी बेटी “ओवरवर्केड” और “थकी हुई” थी। इसने काम और ज़िंदगी के बीच बैलेंस पर जरूरी चर्चा शुरू कर दी है, और नारायण मूर्ति के विवादास्पद “70-घंटे काम” के बयान को फिर से ताजा कर दिया है।
नारायण मूर्ति का बयान
पिछले साल, मूर्ति ने कहा था कि देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए युवाओं को हफ्ते में कम से कम 70 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी, जहां कई बड़े नामों ने इसका समर्थन और विरोध किया।
वर्क कल्चर पर चर्चा
पुणे में हुई इस दुखद घटना ने भारतीय कॉर्पोरेट कल्चर में काम के बैलेंस की कमी पर बात करने का मौका दिया है। यह दिखाता है कि कई लोग काम के दबाव में हैं।
X पर प्रतिक्रिया
CA रिषिका गुप्ता ने X पर लिखा, “जब EY की बुराई हो रही है, यह भी याद रखना चाहिए कि ‘लेट सिटिंग’ कल्चर और ओवरवर्किंग सिर्फ बिग फोर में नहीं, बल्कि कई कंपनियों में आम है। मूर्ति का 70-घंटे का बयान याद करो।”
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
इस पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी। एक ने लिखा, “आपने सही बात कही। हाल की घटनाएं चिंता का विषय हैं, लेकिन लंबे काम के घंटे और ओवरवर्किंग कई कंपनियों में है।”
दूसरे ने कहा, “आजकल समय पर ऑफिस से निकलना एक तरह का अपराध हो गया है।”
तीसरे ने लिखा, “मैं सोच रहा था कि कोई इस पर बात क्यों नहीं कर रहा। मूर्ति यही तो कह रहे थे।”
चौथे ने कहा, “उनकी आलोचना भी उतनी ही जरूरी है!”
EY का बयान
EY ने इस दुखद घटना पर कहा, “इस नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन हमने इस मुश्किल वक्त में परिवार को हर संभव मदद दी है और आगे भी देंगे।”
उन्होंने कहा, “हम एना सेबास्टियन की दुखद और समय से पहले मृत्यु पर बहुत दुखी हैं। उनका उज्ज्वल करियर इस तरह खत्म होना हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”