Atishi As New CM: आम आदमी पार्टी (AAP) की MLA अतिशी शनिवार को दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। यह समारोह दिल्ली के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि यह न केवल राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है, बल्कि महिला नेतृत्व के प्रति बढ़ती स्वीकार्यता को भी दर्शाता है। इस मौके पर उनके साथ नए मंत्रियों का भी शपथ ग्रहण होगा, जो नई सरकार के गठन को दर्शाएगा।
नेतृत्व में बदलाव
अतिशी, जो AAP की विधायी पार्टी की नेता हैं, को अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक बैठक में सीएम के पद के लिए चुना। यह निर्णय AAP के लिए एक नया अध्याय शुरू करता है, जहां नेतृत्व में महिला का शामिल होना एक सकारात्मक संकेत है। उनके साथ दो नए मंत्रियों को भी कैबिनेट में शामिल करने की संभावना है, जो सरकार के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद कर सकते हैं।
इस्तीफे की प्रक्रिया
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। यह प्रक्रिया आमतौर पर नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के लिए आवश्यक होती है। AAP ने अतिशी के शपथ ग्रहण की तारीख 21 सितंबर प्रस्तावित की है, जो पार्टी के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
अतिशी की पिछली भूमिकाएँ
सीएम बनने से पहले, अतिशी ने केजरीवाल सरकार में शिक्षा, वित्त, राजस्व, PWD (जनता कार्य विभाग), और बिजली जैसे 13 महत्वपूर्ण विभागों का प्रबंधन किया। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली और बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अतिशी का अनुभव उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रभावी रूप से कार्य करने में मदद करेगा।
आगामी मंत्रियों की संभावनाएँ
वर्तमान में, दिल्ली की कैबिनेट में सात सदस्य हैं, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। चूंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले फरवरी में होने वाले हैं, अतिशी का कार्यकाल सीमित रहेगा, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण बदलाव लाने में कठिनाई होगी। इसके अलावा, चुनावी आदर्श आचार संहिता लागू होने से उनके लिए कार्य करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
संभावित नए मंत्री
चुनाव के नजदीक आने के कारण, अतिशी स्थिरता बनाए रखने की उम्मीद कर रही हैं। जिन जिम्मेदारियों को राजकुमार आनंद ने संभाला था, उन्हें फिर से सौंपना होगा। नए मंत्रियों के लिए विशल रवि, कुलदीप कुमार, जर्नैल सिंह, दुर्गेश पाठक, सोमनाथ भारती, और संजीव झा जैसे नामों पर चर्चा हो रही है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नए सदस्यों को विशेष विभाग सौंपे जाएंगे या मौजूदा मंत्रियों में जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण किया जाएगा। इस समय पर, सभी की नजरें नए मंत्रियों और उनके कार्यों पर होंगी, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने कार्यकाल में क्या बदलाव ला पाते हैं।
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