Effects Of Strict Parenting: एक आइडियल पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चे के डेवलपमेंट के लिए बैलेंस्ड एप्रोच रखने की कोशिश करते हैं। आपकी पेरेंटिंग आपके बच्चे के मानसिक, भौतिक और शारीरिक विकास को बढ़ने भी ज़रूरी हैं। ऐसे में माता पिता की ज़िम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। लेकिन कभी-कभी माता-पिता की पेरेंटिंग कब ‘पोलिसिंग’ बन जाती है उन्हें पता भी नहीं चलता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक़ पेरेंटिंग चार तरह की होती हैं: ऑथोरिटेरियन पेरेंटिंग, ऑथोरिटेटिव पेरेंटिंग, परमिसिव पेरेंटिंग और अनइन्वॉल्व्ड पेरेंटिंग। सख्त पेरेंटिंग, जिसे अधिक दबाव, ऊँची उम्मीदें, अत्यधिक नियंत्रित व्यवहार और कठोर नियमों के रूप में पहचाना जाता है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। चलिए, सख्त पेरेंटिंग के कुछ प्रमुख नकारात्मक प्रभावों को समझते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
– माता-पिता से लगातार उच्च मानकों को पूरा करने का दबाव और दंड का डर मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। ऐसे बच्चे अक्सर चिंता, अवसाद, और भावनात्मक समस्याओं का सामना करते हैं।
आत्म-सम्मान की कमी
माता-पिता की कठोरता और समर्थन की कमी से बच्चे में आत्म-संवेदनशीलता और आत्म-सम्मान की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इससे उनकी उत्पादकता और रचनात्मकता प्रभावित होती है।
माता-पिता और बच्चे के बीच कमज़ोर रिश्ते
जब बच्चे को भावनात्मक समर्थन की कमी होती है, तो वे खुद को अकेला और अज्ञात महसूस करते हैं। माता-पिता और बच्चों के बीच poor communication के कारण संबंध कमजोर हो जाते हैं।
बगावती रवैया
कभी-कभी सख्त नियमों और नियंत्रण के कारण बच्चे नियमों को जानबूझकर तोड़ लगते हैं। इससे माता-पिता और बच्चों के बीच तनाव और संघर्ष उत्पन्न होता है।
आक्रामकता
जब बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में संघर्ष करते हैं, तो वे आक्रामक हो सकते हैं। इस प्रकार का तनाव उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
सख्त पेरेंटिंग की बजाय, बच्चों के साथ दोस्ती भरा रिश्ता बनाने की कोशिश करें। जहाँ समझदारी और अपनापन हो न की डर और सख़्ती जिससे आपके बच्चे को आपसे जुड़ाव महसूस करें।
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