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Triple E Mosquito Virus: अमेरिका में तेजी से फैल रहा है ट्रिपल इ मॉस्किटो वायरस जानिए कितना खतरनाक

Triple E Mosquito Virus: अमेरिका में ट्रिपल इ वायरस के संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है यह वाइरस अब तक कई लोगों को अपने चपेट में ले चुका है

Triple E Mosquito Virus: यह वायरस 86 साल पुराना है लेकिन इसकी वजह से मरने या बीमार होने के मसले दुर्लभ होती है इससे संक्रमण होने के चांस कम होते हैं लेकिन ये जानलेवा है।

अमेरिका में इस साल मच्छरों की वजह से फैलने वाली दुर्लभ वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है घटना न्यू वेबसाइट की है जहां पिछले एक दशक में ऐसा मामला नहीं आया था अमेरिका में इस साल ट्रिपल इ वायरस के संक्रमण का यह पांचवा मामला है यह वाइरस अत्यधिक एरिया है लेकिन जानलेवा है।

अमेरिकी प्रशासन का मानना है की न्यू एप्स आया समेत आसपास के कई राज्यों में मच्छर जनित ट्रिपल ए वायरस का संक्रमण फैल रहा है इन राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

खबर आने तक अमेरिका में अब तक 7  लोगो की जान इस वायरस ने लिया है अब तक.

क्या है ट्रिपल इ वायरस।

ट्रिपल इ यानी स्टैंड एक्टिव में इंसेफेलाइटिस वायरस को लोग ट्रिपल ए के नाम से भी बुलाते हैं या वायरस 1938 में खोजे गए इस वायरस का संक्रमण बेहद दुर्लभ है लेकिन खतरनाक है 1938 से लेकर अब तक न्यू वेबसाइट में 118 लोग संक्रमित हो चुके हैं इसकी वजह से 64 लोगों की मौत हो चुकी है इंसानों में या वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर हमला करता है जिसकी वजह से दिमाग में सूजन आ जाती है और दर्द होता है।

कहां मिला था यह वायरस।

यह वर्ष उत्तरी अमेरिकी और कैरेबियाई में मिला था अमेरिका में या सबसे पहले पूर्वी और  तटीय राज्यों के लोगों में मिला था यह यूनिवर्सिटी स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की संगठन रिसर्च साइंटिस्ट वैरायटी हल ने कहा कि यह कई तरह के पक्षियों की प्रजातियां से मच्छरों में होते हुए इंसानों तक पहुंचता है इस वाइरस को आमतौर पर ब्लड टेस्ट मॉस्किटो कहा जाता है ज्यादातर ज्यादातर पूर्वी अमेरिकीका और मेक्सिको और कैरीबियन सी में पाया जाने वाला है।

कैसे फैलता है यह वायरस।

जंगलों के बीच मौजूदा कीचड़ में रहने या प्रवास करने वाले पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों में यह वायरस पाया जाता है मच्छरों की कुछ प्रजातियां जो इंसानों और अन्य स्तनधारी जीवों को ट्रिपल ए वायरस से संक्रमण करते हैं यह वायरस मच्छरों से संक्रमित पक्षियों को यह वायरस कितना बड़ा और कितना खतरनाककाटते हैं वहां से खून के साथ वायरस ले लेते हैं फिर इंसानों में इंजेक्ट कर देते हैं।

पक्षियों की तुलना में इंसान और घोड़े इस वायरस का डेट एंड होस्ट होते हैं यानी इसके बाद वायरस किसी और तक नहीं पहुंचता अगर इससे संक्रमित इंसान को मच्छर फिर से कटे तो वह दोबारा वायरस को लेकर नहीं घूमता यानी एक बार संक्रमण फैलने के बाद वह इंसानों से वायरस लेकर किसी और संक्रमण तक नहीं जा सकता।

यह वायरस कितना बड़ा और कितना खतरनाक।

ट्रिपल इ वायरस इंसानों को कम ही होता है 2003 से लेकर 2023 तक अमेरिका में 196 के सामने आए हैं हर साल करीब 11 के सामने आते हैं इस भारत का सबसे खतरनाक संक्रामक 2019 में फैला था तब 38 के सामने आए थे जिसमें से 12 लोगों की मौत हुई थी।

इसे भी पढ़ें: Oropouche virus: स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर दी चेतवानी…. 

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Neyaz Ahmad

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