ओलंपिक खेलों में मेडल जीतने पर अक्सर एथलीटों को भारी इनामी राशि दी जाती है, लेकिन सऊदी अरब के कराटे मास्टर तारेग हमीदी के साथ एक अलग ही कहानी जुड़ी हुई है। उन्होंने 2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक्स में पुरुषों की हेवीवेट कराटे प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था। खास बात यह है कि उन्हें सिर्फ मेडल जीतने पर नहीं, बल्कि सऊदी अरब के पहले गोल्ड मेडलिस्ट बनने के करीब आने के लिए करोड़ों रुपये का इनाम मिला था।
सऊदी अरब के एथलीटों पर पैसों की बारिश
सऊदी अरब 14 ओलंपिक्स में भाग ले चुका है, लेकिन अब तक कोई भी एथलीट गोल्ड मेडल नहीं जीत सका है। जब तारेग हमीदी ने सिल्वर मेडल जीता, तो उन्हें सऊदी अरब के लोगों के बीच गोल्ड मेडलिस्ट की तरह सम्मानित किया गया। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, मोहम्मद बिन सलमान ने हमीदी से कहा कि उनके लिए वो गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इसके बाद, रिपोर्ट्स में बताया गया कि उन्हें इनाम के तौर पर 1.33 मिलियन डॉलर (करीब 10 करोड़ रुपये) दिए गए थे।
तुलना में अन्य देशों की इनामी राशि
ओलंपिक्स के सबसे सफल देश अमेरिका की बात करें, तो वहां गोल्ड मेडल जीतने वाले एथलीटों को केवल 37,500 डॉलर (करीब 31 लाख रुपये) दिए जाते हैं। वहीं, सऊदी अरब अपने एथलीटों को मेडल जीतने पर भारी इनामी राशि देता है। अब तक, सऊदी अरब ने ओलंपिक इतिहास में केवल 4 मेडल जीते हैं, और 2024 पेरिस ओलंपिक्स में एक भी मेडल नहीं जीत पाया था।
तारेग हमीदी की कहानी दिखाती है कि ओलंपिक्स में मेडल जीतना ही नहीं, बल्कि मेडल के करीब पहुंचना भी कभी-कभी एथलीटों के लिए जीवन बदलने वाला साबित हो सकता है।