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78th Independence Day 2024: आजादी से पहले ही मिल गई थी तिरंगे को उसकी पहचान, जानें कब पहली बार मिला था राष्ट्रीय ध्वज दर्जा.

Independence Day Special: देश का राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) को आजादी से पहले ही तैयार किया जा चुका था, जिसे राष्ट्रीय ध्वज का पहचान सालों बाद मिली थी .

78th Independence Day 2024: राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ भारत की आन, बान और शान है. ये भारत के लिए कितना जरुरी है इस बात से हर कोई बखूबी वाकिफ और जानकार है. ये महज एक झंडा ही नहीं बल्कि हमारे भारत देश का प्रतीक है. भारत में स्वतंत्रता दिवस (15 August) के खास मौके पर दिल्ली के लाल किले से लेकर भारत के कोने-कोने में ध्वजारोहण किया जाता है.

लेकिन क्या आप हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास के बारे में जानते हैं? बता दें देश की आजादी से पहले ही हमारे राष्ट्रीय ध्वज को उसकी पहचान दी गई थी, लेकिन तिरंगे का राष्ट्रीय ध्वज दर्जा सालों बाद मिला. ऐसे में चलिए 78वें स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर देश के राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास के बारे में जानते हैं.

पिंगली वेंकैया ने किया था तिरंगे का डिजाइन

भारत के राष्ट्रीय ध्वज को साल 1916 में पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया हुआ था. उन्होने उस वक्त एक ऐसे झंडे को बनाने के बारे में सोचा जो सभी भारत के देशवासियों को एक धागे में पिरोकर रख सके. उनकी इस पहल में एस.बी. बोमान और उमर सोमानी ने साथ दिया था. फिर क्या था इन तीनों ने मिलकर नेशनल फ्लैग (राष्ट्रीय ध्वज) यानी हमारे देश का प्रतीक और सम्मान तिरंगा बनाया.

तिरंगे में देश की एकता का रखा गया खास ध्यान

वर्ष 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वैंकेया ने देश की एकता और अखंडता को दर्शाते हुए भारत का तिंरगा तैयार किया था. जब तिरंगा तैयार किया गया था उस समय इसमें केसरिया की जगह लाल रंग हुआ करता था. दरअसल लाल हिंदुओं की आस्था का प्रतीक, हरा मुस्लिमों की आस्थाका प्रतीक और सफेद रंग अन्य धर्मों की आस्था का प्रतीक बना जाता था. फिर इसमें चरखे को भी जगह दी गई थी.

गांधी जी ने दी थी अशोक चक्र की सलाह

वैंकेया महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हुआ करते थे. लिहाजा उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के लिए उनसे सलाह लेना जरुरी समझा था. जब वो गांधी जी के पास गए तो उन्होंने उसके बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी थी जो पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने का प्रतीक बना. इसी को मानते हुए तिरंगे में अशोक चक्र को भी बिच में जगह दी गई.

कब मिला भारत के राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज यानि तिरंगा को उसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित हुए संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जिसके बाद तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा दिया गया था.

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Shahnawaz Sharif

Shahnawaz Sharif, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़े हुए हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे। Thank You...

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