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Fire In Delhi Hospital: बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग लगने से “6 नवजात शिशुओं” की झुलसकर हुई मौत।

दिल्ली पुलिस को मिला सीसीटीवी फुटेज, फुटेज में डॉक्टर और नर्स की दिख रही लापरवाही। नियम के खिलाफ चल रहा था अस्पताल।

Fire In Delhi Hospital:

25 मई को विवेक विहार में स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग लग गई थी। जिसके बाद इस घटना को लेकर दिल्ली पुलिस ने जाँच शुरू कर दी थी। जाँच के दौरान दिल्ली पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला हैं। जिसमें डॉक्टर और तीनो नर्स तो अस्पताल से बाहर आते दिख रही है। परंतु उनके पास कोई नवजात शिशु नही था। इस घटना की पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल के संचालक डॉ. नवीन खीची की पार्टनर व पत्नी डॉ. जागृति को नोटिस देकर बुलाया है। साथ ही बता दे कि आग लगने के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक नवीन खीची और डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर रिमांड में ले लिया है

25 मई को विवेक विहार में स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग लग गई थी। इस आगजनी की घटना के वक्त अस्पताल के इंचार्ज रहे डॉ. आकाश और तीन नर्स तो सुरक्षित बाहर आ गए थे। परंतु इस घटना में छह नवजात शिशुओं की आग में झुलसकर मृत्यु हो गई।
इस घटना को लेकर दिल्ली पुलिस ने जाँच शुरू कर दी थी, और घटना को लेकर सबूत जुटाने में लग गई थी।
इसी जाँच के दौरान दिल्ली पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है। जिसमें घटना के वक्त अस्पताल के इंचार्ज रहे डॉ. आकाश और तीनो नर्स की लापरवाही साफ तौर पर दिख रही है। असल में, आग लगते ही डॉक्टर और तीनो नर्स अस्पताल से बाहर आ गए। उनके पास बच्चों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने का वक्त था। लेकिन उन चारों ने अपनी जान को अहमियत देते हुए नवजात शिशुओं के बिना ही बाहर आ गए।
आपको यह भी बता दे कि उन चारों के बाहर आने के 10 मिनट बाद आग ने भीषण रूप धारण किया। अस्पताल में भीषण आग तब लगी जब आक्सीजन सिलेंडर फटे।
इस घटना की पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल के संचालक डॉ. नवीन खीची की पार्टनर व पत्नी डॉ. जागृति को नोटिस देकर बुलाया है।

Fire In Delhi Hospital
Fire In Delhi Hospital

आग लगने का कारण

विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में आग लगने के बाद से ही दिल्ली पुलिस आग लगने का मुख्य कारण पता करने में जुट गई है। जाँच में यह तो पता चल गया की आग ने भीषण रूप तब धारण किया जब आग आक्सीजन सिलेंडर में लगी।
इस घटना पर पुलिस ने बताया है कि- आग लगने का मुख्य कारण का पता नहीं लग पाया है। अस्पताल की छत पर एक एलपीजी सिलेंडर वं जनरेटर मिला है। जो जले हुए है। साथ ही पुलिस को एक फुटेज भी मिला है। जिसमें अस्पताल में 10:55 पर थोड़ी-थोड़ी आग लगती हुई दिखाई दे रही है।
साथ ही कुछ देर बाद डॉ. आकाश और तीनो नर्स भी अस्पताल से बाहर आते दिख रहे हैं। लेकिन निकलते वक्त उनके पास कोई नवजात शिशु नहीं है। वह फोन पर बात करते वक्त इधर उधर घूमते नज़र आ रहे हैं। तब तक कोई भीषण आग नहीं लगी थी।
करीब 11.30 बजे ग्राउड फ्लोर पर रखे एलपीजी सिलेंडर के फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया और आग ने बाहर निकलने का रास्ता भी पूरी तरह से बंद हो गया।

कॉल रिकॉर्ड की हो रही जाँच

आग लगने के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक नवीन खीची और डॉ. आकाश को गिरफ्तार कर रिमांड में ले लिया है। साथ ही उनके कॉल रिकॉर्ड की जाँच करने के लिए फारेंसिक लैब में दोनो के मोबाइल को भेजवा दिया है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या गिरफ्तारी होने से पहले उन्होंने फोन से कुछ डिलीट भी किया है? साथ ही यह भी पता लगा रही है कि हादसे के दौरान आकाश फोन पर किससे बात कर रहा था!
जाँच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि अस्पताल संचालक नवीन खीची अपने पश्चिम विहार के घर में भी बच्चों का इलाज करते है। पुलिस वहाँ जाकर भी जाँच करेंगी कि घर पर किस तरह बच्चों का इलाज होता है?

नियमों के खिलाफ चल रहा था अस्पताल

पुलिस के साथ पूछताछ में अस्पताल संचालक नवीन खीची ने बताया कि उसने जो अस्पताल चलाने का लाइसेंस लिया था उसकी अवधि मार्च में ही समाप्त हो गई थी। अवधि बढ़ाने के लिए उसने पहले ही स्वास्थ्य विभाग में दस्तावेज जमा करवा दिए थे। साथ ही आपको बता दे कि खीची ने केवल पाँच बेड वाला अस्पताल चलाने का ही लाइसेंस लिया था लेकिन अस्पताल में पाँच से ज्यादा बेड रखे मिले है।
नवीन खीची अपने अस्पताल में नियम के विरुद्ध 20 से 25 नवजात शिशुओं को भर्ती करता था। वह नवजात शिशुओं के अभिभावकों को अस्पताल नियमों की कोई जानकारी ना होने का लाभ उठाता था। वह एक दिन का 10 से 15 हजार रुपये हर मरीज से लेता था।

पुलिस ने माँगी डिग्रियों

विवेक विहार में स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में करीब 20 कर्मचारी काम करते थे। जिसमें से 4 डॉक्टर थे। पुलिस ने जाँच के दौरान सभी को उनकी डिग्रियों की कापी जमा करवाने को कहा है। घटना के समय अस्पताल में बच्चों के पास 2 नर्स थी। पुलिस ने उनसे सीन रिक्रिएट करवाया।
संचालक नवीन खीची डा. आकाश को 40 हजार रुपये वेतन देता था। आकाश ने बीएएमएस तक शिक्षा प्राप्त की है। साथ ही यह भी पता चला कि संचालक एमबीबीएस व एमडी डॉक्टर इसलिए नही रखता था क्योंकि वह वेतन ज्यादा माँगते है।
साथ ही आपको बता दे कि सूत्रों के मुताबिक नवीन खीची की पत्नी को भी इस मामले में पुलिस आरोपी बना सकती है, क्योंकि वह भी अस्पताल में पार्टनर हैं।

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